
बिलासपुर के कुटुंब न्यायालय में शुक्रवार को घटी घटना ने पुलिस विभाग की छवि को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
बिलासपुर: प्रधान आरक्षक अरुण कमलवंशी ने अदालत परिसर में ही दूसरी वाहिनी बटालियन के सिपाही संजय जोशी पर हमला बोल दिया। कॉलर पकड़कर मुक्के-घूंसे बरसाने की यह शर्मनाक हरकत कैमरे में कैद हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। संजय जोशी का आरोप है कि अरुण कमलवंशी की पत्नी से उसके अवैध संबंधों था, जिसके चलते वह तलाक की प्रक्रिया में है। इसी विवाद को लेकर दोनों के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि न्यायालय जैसी संवेदनशील जगह भी रणभूमि बन गई। घटना के बाद मामला थाने पहुंचा, जहां अरुण कमलवंशी, एवं उनके भाई हेमंत कमलवंशी ने 4–5 गुंडा प्रवृति के लोग लाकर संजय जोशी के परिवार के महिलाओं को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज देना ओर मारने के लिए लाठी डंडा ढूंढना देखा गया है जिसका वीडियो साक्ष्य संजय जोशी के परिवार जन के पास उपलब्ध है , परिवार जन का कहना है कि हेमंत कमलवंशी ओर अरुण कमलवंशी ने हम सभी को धमकी दिया है कि हमे जान से मरवा देंगे और घर में घुस कर बलात्कार करेंगे हमारे ऊपर बड़े बड़े पुलिस अधिकारी का हाथ है तुम लोग क्या कर लोगे देखता हूं हमारा कुछ नहीं उखड़ेगा !
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संजय जोशी ने सिविल लाइन थाने में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई है। थाना प्रभारी सुम्मत साहू के मुताबिक दोनों का मेडिकल कराया जा रहा है और विधिक कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

दूसरी ओर अरुण कमलवंशी ने संजय जोशी और उनके परिवार के तमाम सदस्यों के विरुद्ध नामजद शिकायत करते हुए इस प्रकरण को काउंटर कर रफ़ा दफा करने का ठान लिए है जबकि वीडियो साक्ष्य कुछ ओर ही बयां कर रहे है !
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अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या पुलिस विभाग अपने ही प्रधान आरक्षक के खिलाफ सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई करेगा या फिर मामले को दबा दिया जाएगा? न्यायालय परिसर में खुलेआम हिंसा करने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई न होना पूरे तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
देखना होगा कि कानून की रखवाली करने वाली वर्दी पर लगा यह दाग कितनी गंभीर कार्रवाई की ओर बढ़ता है।