
बिलासपुर—मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर को जमकर फटकारा है। उन्होने कहा कि मैने अखबार में कलेक्टर को फावड़ा चलाते देखा…आखिर यह हो क्या रहा है। कलेक्टर काम छोड़कर फावड़ा चला रहे हैं। यह सब..क्या फोटो खिंचवाने के लिए हो रहा है। एजी साहव डीएण जनता को क्या बताने चाहते हैं .म। पब्लिक सर्वेंट है…अपनी ड्यूटी करें। मैं सब देख रहा हूं…चीफ सेक्रेटरी का फोटो अखबार में कभी नहीं देखा।
सोमवार को हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के बेंच में अरपा नदीं के संरक्षण संवर्धन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने कलेक्टर को जमकर फटकारा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हां ने कहा कि आखिर यह सब हो क्या रहा है। क्या डीएम के दो फावड़ा चलाने से अरपा नदी में पानी आने लगेगा। ? आखिर डीएम साबह फोटो खिंचवाकर दिखाना क्या चाहते है। पब्लिक सर्वेंट हैं,अपनी ड्यूटी करें.। जिले के जिम्मेदार अधिकारी हैं, उन्हें सकारात्मक कदम उठाना चाहिए.।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार की बैंच ने नदी सूखने को लेकर चिंता और रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर नाराजगी भी जाहिर किया है।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने मामले में सचिव के शपथ पत्र पेश किए जाने की जानकारी दी। एजी ने राज्य शासन के अवैध उत्खनन परिवहन और भंडारण के बढ़ते मामले पर रोक लगाने के कोर्ट के निर्देश पर अन्य राज्यों के नियमों को परीक्षण करने की बात कही। प्रफुल्ल भारत ने मामले में 6 सदस्यीय समिति गठन से भी अवगत कराया। उन्होने बताया कि समिति में खनिज विभाग के उपसंचालक और खनिज अधिकारी शामिल हैं। 30 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। समिति की रिपोर्ट में दिए परामर्श के बाद खान और खनिज अधिनियम के तहत बदलाव से जुड़ी प्रक्रिया को विधि विभाग में पेश किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि दो फावड़ा चलाने से अरपा की समस्या खत्म हो जाएगी,,? तो फिर वहां टैन्ट लगाकर फावड़ा चलाएं। बहुत दुख की बात है..आखिर हो क्या रहा है…?..दिस इस नाट गुड..आप क्या दिखाना चाहते हैं। एक काम करते हो..दस काम खराब कर देते हो। मैं तो कभी चीफ सेक्रेटरी का चेहरा अखबार में नहीं देखा..। ना तो डीजीपी का चेहरा देखता हूं..और ना ही आईजी का देखता हूं।
इतना ही नहीं चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि आप पब्लिक सर्वेंट हैं..अपने आफिस में काम करें…यदि आप किसी प्लेस का विजिट करते हैं तो ठीक है…। आखिर यह सब हो क्या हो रहा है…उनके फावड़ा चलाने से क्या अरपा नदी में पानी आने लगेगा…? इस तरह की बात अच्छी नहीं होती है। यह बहुत ही खराब बात है। मैं पूरे राज्य को देख रहा हूं। लेकिन कहीं ऐसा नहीं है।
जानकारी देते चलें कि चीफ जस्टिस ने शासन से अरपा नदी की सफाई और ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा था। राज्य शासन और नगर निगम के अधिवक्ता के माध्यम से शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करना था। मामले में सुनवाई करते हुए एक बार फिर हाई कोर्ट ने खनिज विभाग सचिव और नगर निगम आयुक्त बिलासपुर से शपथ पत्र में जानकारी देने को कहा है।