
बिलासपुर। पूर्व मंत्री व विधायक की नाराजगी का फुग्गा फुट गया। स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने चर्चित एफडीआर कांड में आरोपित कमल ठाकुर को ब्लैक लिस्टेड करते हुए आगामी पांच साल के लिए सभी प्रकार की निविदाओं में भाग लेने प्रतिबंधित किया गया है। **
पूर्व मंत्री व नगर विधायक अमर अग्रवाल ने निकाय चुनाव के ठीक पहले चर्चित एफडीआर घोटाले का मुद्दा उठा निगम में सत्ता आने पर इसकी और भरस्टाचार से जुड़े सभी मामलों की जांच कराने और किसी को भी नही बख्शने का दावा किया था। मामला शांत होने के बाद अचानक स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एमडी ने कुछ और मामलों के साथ सांट चर्चित एफडीआर का भी बेड़ापार कर दिया।
ये है कार्रवाई का मजमून
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राजीव गांधी चौक से तैयबा चौक तक स्टार्म वाॅटर ड्रेन और दिव्यांग फ्रेंडली फूटपाथ निर्माण का ठेका** कमल सिंह ठाकुर को मिला था। शर्तों के अनुसार कार्य के लिए एपीएस और पीवीजी के मूल एफडीआर जमा करना था पर उसके स्थान पर डुप्लीकेट फोटोकापी ठेकेदार द्वारा जमा किया गया था, जांच में यह बात सिद्ध होने पर ठेकेदार पर साढ़े सोलह लाख का जुर्माना ठोका गया था, इस राशि को उसे भुगतान की जाने वाली रैशी से पेनाल्टी काटने की बात कही जा रही।
सब गुड़ गोबर
इस मामले में एक छात्रनेता और एक विधायक की मांडवाली खूब चर्चा में रही। चुकी सब एक ही राजनीतिक दल से है और इसका पटाक्षेप करना जरूरी था इसलिए ऐसा किया गया।।
गणपति को अर्थदण्ड, सिम्प्लेक्स बर्खास्त
बार बार चेतावनी के बाद भी इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक नदी की दोनों ओर नाला,सड़क और सौंदर्यीकरण के कार्य में कोताही व लेटलतीफी पर एमडी अमित कुमार के निर्देश पर ठेका कंपनी गणपति इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ 37 लाख 50 हजार रूपये का अर्थदंड ठोका गया है।

इसी तरह 2 साल के अंडरग्राउंड सीवेज प्रोजेक्ट को 17 साल बाद भी पूरा कर पाने में असमर्थ सिंप्लेक्स कंपनी को बर्खास्त करते हुए कंपनी के बैंक गारंटी और सिक्योरिटी डिपाॅजिट के 30 करोड़ रूपये को राजसात करने की कार्रवाई भी की गई है।