
जिले से एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है, जहां तत्कालीन सचिव इलाही मोहम्मद कुरैशी ने न केवल विकास कार्यों की राशि का गबन किया, बल्कि सामाजिक समरसता को तोड़ने की भी साजिश रची। पुलिस की जांच में सामने आया है कि सचिव ने 15वें वित्त आयोग के तहत पंचायत को प्राप्त राशि में से ₹25 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की। साथ ही, धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए भड़काऊ कंटेंट भी फैलाया जाता रहा था ,
जांजगीर–चांपा ।एक ओर सरकार गांवों के विकास के लिए करोड़ोंरुपये भेज रही है, तो दूसरी ओर ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारी हीइस भरोसे को चकनाचूर कर रहे हैं।
ऐसा ही मामला कोटमीसोनार पंचायत में सामने आया है, जहाँतत्कालीन सचिव इलाही मोहम्मद कुरैशी ने न सिर्फ 25 लाख रुपयेसे ज्यादा का गबन किया, बल्कि धार्मिक भावनाएं भड़काने कीकोशिश कर समाज को भी बांटने की साजिश रची।
गांव के विकास की राशि से सचिव ने भरा अपना खाता
कोटमीसोनार के ग्रामीणों ने वर्षों तक जिस शख्स को पंचायत काजिम्मेदार समझा, उसी सचिव ने उनके पीठ में छुरा घोंपा। पंचायत मेंसाल 2022-23 और 2023-24 के दौरान 15वें वित्त आयोग कीयोजना के तहत लाखों रुपये भेजे गए। लेकिन योजनाओं पर कामकरने की बजाय इलाही मोहम्मद कुरैशी ने ₹25,13,528 की राशिका गबन कर लिया। पुलिस जांच में खुलासा गबन का हुआ किनिर्माण कार्यों को कागजों पर पूरा दिखाया गया, फर्जी बिल लगाएगए, और राशि निजी खाते में ट्रांसफर कर दी गई।

सचिव इलाही कुरैशी की गुंडागर्दी उजागर!
तीन माह पुरानी शिकायत धूल खा रही… अब पुलिस की दुसरेमामले पर भेजा जेल..
सचिव ईलाही मोहम्मद कुरैशी पर गंभीर आरोपों की बौछार हुई है— गाली–गलौज, धमकी, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल और जातीयषड्यंत्र तक! लेकिन हैरानी की बात यह है कि तीन महीने पहले दर्जकी गई शिकायत पर आज तक विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहींकी है ।
18 मार्च 2025 को जिला पंचायत सीईओ को सौंपे ज्ञापन में सचिवकुरैशी को कार्यालय का आतंक बताया गया था । कर्मचारी बोले – “व्हाट्सएप ग्रुप में गालियों की बौछार, अधिकारियों को धमकी, और जो न माने उसे बदनाम करने की चालें रोज का हिस्सा बन गईथी।“
इतना ही नहीं, 17 मार्च को एक सोची–समझी साजिश के तहतसचिवों ने सीईओ को जातिगत मामले में फंसाने की कोशिश की, लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने झूठ का पर्दाफाश कर दिया।
कुरैशी के साथ और सचिवों का नाम भी सामने आया है , जिन परफर्जी वीडियो बनाकर अधिकारियों को ब्लैकमेल करने जैसे कईगंभीर आरोप पूर्व में लग चुके है ।
सचिव का दूसरा चेहरा: वॉट्सएप ग्रुप से फैलाई नफरत
एक ओर सचिव सरकारी पैसे की बंदरबांट कर रहा था, वहीं दूसरीओर उसने एक धार्मिक वॉट्सएप ग्रुप में ऐसा लेख पोस्ट कियाजिससे समाज में तनाव फैल सकता था। यह स्पष्ट रूप से दिखाताहै कि सचिव न सिर्फ भ्रष्ट था, बल्कि उसके इरादे भी समाजविरोधीथे। इस मामले में धारा 299 BNS के तहत अलग से अपराध दर्जकिया गया।
गिरफ्तारी के बाद कबूली सच्चाई, अब सलाखों के पीछे
इलाही कुरैशी लंबे समय से फरार था। पुलिस अधीक्षक विजयकुमार पांडे (IPS) के निर्देशन में अकलतरा थाना प्रभारी निरीक्षकमणीकांत पांडे व उप निरीक्षक के.के. साहू की टीम ने आरोपी कोघेराबंदी कर गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने दोनों मामलों मेंजुर्म स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उसे न्यायिक रिमांड पर भेजागया।
जनता के पैसे से की गई निजी राजनीति और धर्म से खिलवाड़
यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं है — यह जनता के पैसेसे पाला गया लालची तंत्र और धार्मिक आधार पर नफरत फैलानेवाले रवैये की घिनौनी तस्वीर है। सचिव का काम गांव का विकासथा, लेकिन उसने पंचायत को निजी दुकान बना डाला और समाज मेंज़हर फैलाने का दुस्साहस किया।
पंचायत प्रणाली पर उठे सवाल
गांव के कई लोगों का कहना है कि सचिव की मनमानी वर्षों से चलरही थी। न सरपंच कुछ बोलता था, न जनपद अधिकारी कोई जांचकरते थे। क्या इतने बड़े घोटाले में सचिव अकेला था? क्या अन्यअफसर भी हिस्सेदार थे? ये सवाल अब गांव से निकलकर जिलेतक पहुंच चुके हैं।
पुलिस का रुख सख्त, जांच जारी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आर्थिक रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट औरडिजिटल चैट्स की गहराई से जांच चल रही है। बहुत जल्द गबन मेंसहयोगी रहे अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।