
बिलासपुर। रीएजेंट खरीदी घोटाले में जेल में बंद सीजी एमएससी के निलंबित उपकरण महाप्रबंधक कमलकांत पाटनवार के रायपुर और बिलासपुर स्थित मकानों में ईडी की टीम ने दबिश देकर 10 घंटे से ज्यादा तक जांच की।
बता दे रीएजेंट घोटाले मामले में ईडी ने ठिकानों पर छापा मारा है। इसके अलावा सीजीएमएससी के अधिकारी के निवास में भी ईडी ने दबिश दी है। तड़के सुबह पहुंची ईडी की टीम शाम तक अधिकारी के निवास पर दस्तावेज खंगालती रही। फिर देर शाम जांच खत्म कर रवाना हुई। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य विभाग में रिएजेंट घोटाला सामने आया था। बिना कोई जरूरत प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के लिए बड़ी मात्रा में रिएजेंट खरीदी की गई थी। इसके लिए मोक्षित कॉरपोरेशन को टेंडर दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार कंपनी को काम दिलवाने के लिए अन्य डमी कंपनियां भी तैयार की गई। दिखावे का टेंडर में पूरा काम मोक्षित कॉरपोरेशन को दे दिया गया। आरोपों के अनुसार कुल 400 करोड रुपए का यह घोटाला था।

घोटाला सामने आने पर ईओडब्लू ने इस मामले में एफआईआर रजिस्टर्ड कर मोक्षित कारपोरेशन के कर्ताधर्ताओं के अलावा इन्हें फायदा पहुंचाने में संलिप्त रहे सीजीएमएससी के अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया था। मोक्षित कारपोरेशन के संचालकों की जमानत हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है। इस मामले में अब ईडी की भी एंट्री हो गई है। ईडी ने मोक्षित कारपोरेशन के संचालकों के एक कार्यालय और तीन निवास ठिकानों पर भी छापेमारी की। इसके अलावा ईडी सीजीएमएसी के डिप्टी डायरेक्टर कमलकांत पाटनवार के राजधानी और न्यायधानी के निवास पर पहुंची। बिलासपुर के सरकंडा अशोकनगर स्थित कमलकांत पाटनवार के पैतृक निवास में ईडी पहुंची थी। सुबह 6 बजे ईडी की टीम ने सीजीएमएसी के उपकरण महाप्रबंधक रहे कमलकांत पाटनवार के सरकंडा अशोक नगर स्थित निवास में दबिश दी । यहां छह अधिकारियों और छह सीआरपीएफ के जवानों का दल पहुंचा था। अधिकारियों ने मकान के अंदर प्रवेश किया सीआरपीएफ के सशस्त्र जवानों ने घर के बाहर मोर्चा खोल लिया। सुबह-सुबह कॉलोनी में सीआरपीएफ जवानों और अधिकारियों को देखकर यहां के निवासियों में सनसनी फैल गई। घर में घुसते ही अधिकारियों ने घर के सारे सदस्यों के मोबाइल स्विच ऑफ कर जमा करवा लिए और घर में तलाशी शुरू कर दी। इस दौरान विभिन्न कागजातों, गहनों और प्रॉपर्टी की जानकारी ली गई। परिजनों से पूछताछ भी की गई। लगातार कई घंटे तक परिजनों से पूछताछ के बाद अधिकारियों ने पंचनामा बनाया और फिर वापस लौट गए। सुबह 6 से आई टीम शाम करीबन 6 बजे लौटी। रायपुर स्थित कमलकांत पाटनवार के निवास में भी ईडी ने आज जांच की है।ईओडब्लू ने अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किए जाने के बाद कमलकांत पाटनवार निलंबित चल रहे हैं। इस मामले में कुछ दिनों पहले ही ईओडब्लू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायालय रायपुर में चालान प्रस्तुत किया है।

*फोन और दस्तावेज साथ ले गई ईडी*
इस दौरान ईडी के 12 अधिकारियों की टीम ने उपकरण महाप्रबंधक केके के घर पर परिजनों से 10 घंटे से ज़्यादा समय तक पूछताछ की। ईडी की टीम ने केके के परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन और कई अहम दस्तावेज़ भी ज़ब्त किए हैं, जिन्हें वे अपने साथ ले गए हैं।
*6 महीने पहले भी पड़ा था छापा*
बता दें कि मोक्षित कॉर्पोरेशन सरकारी मेडिकल एंजेसियों में दवा और इक्विपमेंट सप्लाई करती है। जानकारी के मुताबिक, करीब 6 महीने पहले इस फर्म में पहले भी एसीबी और ईओडब्ल्यू के छापे पड़े थे, तब मोक्षित कॉर्पोरेशन चर्चा में आया था।
*ईडी की टीम पहुंची दुर्ग,मोक्षित कॉर्पोरेशन के 3 आवासीय परिसरों और ऑफिस में छापा,24 से अधिक अधिकारी रहे शामिल*
दुर्ग और बिलासपुर जिले में ईडी की टीम ने 411 करोड़ के सीजीएमएससी घोटाला केस में एक साथ छापेमारी की। ईडी ने दुर्ग के मोक्षित कॉर्पोरेशन के 3 आवासीय परिसरों और ऑफिस में एक साथ छापेमारी की। फर्म से जुड़े सिद्धार्थ, शशांक और शरद चोपड़ा तीनों के आवास पर कार्रवाई की। दुर्ग के मोक्षित कॉर्पोरेशन के बंगले के बाहर अधिकारियों की 6-7 गाड़ियां भी खड़ी थी, जिसमें 24 से ज्यादा अधिकारियों की टीम शामिल थी।