
- पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देश पर की जा रही लगातार कार्यवाही।
- ए.सी.सी.यू. (सायबर सेल) बिलासपुर व सरकण्डा पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में पकडे गये अंतर्राज्यीय सटोरिये जिनके बैंक अकांउट व रजिस्टर पर दर्ज है करोड़ो रूपये के हिसाब किताब का रिकार्ड ।
- रेड्डी अन्ना के पैनल में CRICKETBET99, LASER247, 11XPLAY, PLAY247 आदि ऑनलाइन गेमिंग साइट पर लगते थे दाव।
- रेड्डी अन्ना पैनल में 100 से अधिक ऑनलाइन गेमिंग साइट उपलब्ध कराया जाता है जिसमें कस्टमर को Cricket, football, Hockey, Aviator game, Casino, Horse Riding etc. गेम उपलब्ध कराया जाता है।
- ऑनलाइन गेमिंग ब्रांच श्रीलंका, मनाली में संचालित था , ब्रांच में बिहार, झारखंड, राजस्थान व छत्तीसगढ के लड़के काम करते थे, बिलासपुर में ब्रांच शुरू करते ही धरे गए अंतर्राज्यीय शातिर सटोरिए।
- गिरफ्तार 02 अंतर्राज्यीय सटोरिए –
01- दीपक यादव पिता स्व. सुंदर लाल यादव उम्र 25 वर्ष पता वार्ड न. 13 फाॅरेस्ट काॅलोनी बेलगहना थाना कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)
02- संजय जायसवाल पिता श्री सुरेश जायसवाल उम्र 30 वर्ष पता बाजार पारा बेलगहना थाना कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)
03- मुख्य आरोपी ब्रांच संचालक विकास अग्रवाल निवासी बेलगहना थाना कोटा जिला बिलासपुर फरार है बिलासपुर पुलिस द्वारा जल्द गिरफ्तार किया जावेगा।
▶️ सटोरियों के कब्जे से बरामद मशरूका –
- पासपोर्ट 01 नग जिसमें श्रीलंका का इमीग्रेशन लगा है,
- 04 नग लैपटॉप,
- 27 नग मोबाइल,
- 170 नग से अधिक फर्जी सिम,
- 07 नग बैंक पासबुक,
- 02 नग चेक बुक,
- 19 नग atm कार्ड,
- 20 से अधिक बैंक account में 05 लाख रूपये से अधिक की राशि जिसे होल्ड कराया गया।
- 02 नग रजिस्टर जिसमें करोड़ो रूपये का सट्टा का हिसाब किताब दर्ज है।
- आरोपियों द्वारा रकम के लेन देन हेतु उपयोग किए गए बैंक खाते में करोड़ो रु का लेनदेन पाया गया है, बैंक Account की जानकारी लेकर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
•दुबई में बैठे हेड ऑफिस से मुख्य संचालक द्वारा व्हाट्सएप नम्बर पर संपर्क कर 25 से 50 लाख में रेड्डी अन्ना का ब्रांच लेकर अंतर्राज्यीय सटोरिया करते थे ऑनलाइन गेमिंग/सट्टा का संचालन।
- ब्रांच को कस्टमर टेलीग्राम के माध्यम से प्राप्त होते है जो पैन इंडिया के होते है, जो ब्रांच के व्हाट्सएप नम्बर से संपर्क करते है, कस्टमर को ब्रांच के द्वारा ID दिया जाता है जिसके माध्यम से ऑनलाइन सट्टा में शामिल होते है।
- मुनाफे का 65 % हेड ऑफिस को और 35 % ब्रांच को मिलता था।
- ब्रांच के लेन देन हेतु फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक अकाउंट संचालक द्वारा उपलब्ध कराया जाता था।
