
बिलासपुर। बिलासपुर ज़िले के सरकारी अस्पतालों कीबदइंतज़ामी अब मरीज़ों की जान पर भारी पड़ने लगी है। ताज़ामामला रतनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहाँ एकमहिला मरीज़ को न तो स्ट्रेचर मिला और न ही डॉक्टर! इलाज कीआस में लाए गए परिजनों को जब बेसुध मरीज़ को गोद में उठाकरवार्ड तक ले जाना पड़ा, तो उनका सब्र टूट गया और अस्पतालपरिसर में हंगामा शुरू हो गया।
ग़ायब डॉक्टर, ठप इमरजेंसी!
हैरानी की बात यह रही कि जिस समय मरीज़ को तुरंत इलाज कीज़रूरत थी, उस वक्त अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद ही नहीं था।स्थानीय लोगों के मुताबिक, अस्पताल की आपातकालीन सेवाएंपूरी तरह चरमराई हुई हैं। प्रभारी डॉ. विजय के इस्तीफ़े के बाद सेअस्पताल में कोई स्थायी ज़िम्मेदारी लेने वाला नहीं है। हालत यह हैकि डॉक्टरों की भारी कमी के चलते मरीज़ों को समय पर इलाजमिलना भी मुश्किल हो गया है।

हंगामा होते ही पहुँचे पालिका अध्यक्ष
जैसे ही अस्पताल में हंगामे की खबर फैली, रतनपुर नगर पालिकाअध्यक्ष लवकुश कश्यप तत्काल अस्पताल पहुँचे और हालात काजायज़ा लिया। उन्होंने भी माना कि अस्पताल में चिकित्सकों कीभारी कमी है और स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की ज़रूरत है।उन्होंने शासन से डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की माँग की।
बीपी की मरीज़ देखती रह गई, कोई पूछने वाला नहीं
इस पूरे घटनाक्रम के बीच एक अन्य महिला मरीज़, जो ब्लड प्रेशरकी समस्या से जूझ रही थी, घंटों अस्पताल में परेशान रही लेकिनकोई डॉक्टर उसका हाल तक पूछने नहीं आया।