
बिलासपुर। इसको कहते है आ बला पकड़ गला, जैसे तैसे चल ही रह था, पर योजनाकारों को डिस्कवरी आफ सुशासन का चस्का लग गया। जनता का मन भांपने का प्रयोग बिल्ले के गले मे घण्टा बांधने जैसा हो गया। सुशासन के पहले और सुशासन के बाद सरेराह हुआ दनादन शहरवासियों ने देखा, यहां तक तो ठीक था। दो और बड़े संकट खड़े हो गए, एक आवेदक ने तो वित्त मंत्री को हटाने की मांग कर दी, तो दूसरे ने गाँव की बदहाली देखने सीएम को उड़नखटोला से आने खुला आमंत्रण दे दिया।
अब मंत्री को हटाने के आवेदन का सरकार और सरकारी तंत्र कैसे निराकरण करेगी ये बड़ा सवाल है, क्योकिं सरकार ने तो खुद पब्लिक से शिकायत मांगी थी वो भी पूरे प्रदेश भर में डब्बा रखवाकर।

हर बार की तरह इस बार भी सुशासनी आवेदनों के आंकड़े और सरकारी शब्द निराकरण का रट्टा लगाया जाएगा,।
इधर पब्लिक ने भी इंटरेस्ट नही लिया , हर बार की तरह इस बार भी ज्यादातर आवेदन आवास, राशनकार्ड और विभिन्न योजनाओं के मिले। हालांकि नए जुड़े क्षेत्रो से सड़क, बिजली, नाली पानी की समस्याओं से भी सम्बन्धित आवेदन आना बताया जा रहा है।
00 इधर महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक के शत्रुघ्न सिन्हा ने छत्तीसगढ़ शासन के नाम शिकायत कर वित्त मंत्री ओपी चौधरी को वित्त विभाग से हटाने आवेदन दिया है। उनकी नाराजगी उनका आरोप ये है कि श्री चौधरी ने लोकसभा चुनाव पूर्व 57000 और विधानसभा चुनाव पूर्व 33000 शिक्षको की भर्ती की घोषणा तो कर दी, लेकिन सरकार बनने के बाद इसे लटका दिया।
00 वही बिलासपुर में आरोप है कि सुशासन तिहार को गम्भीरता से नही लिया गया, पेटी पर ताला ही नही था जिससे गोपनीयता को लेकर सवाल उठे।
तो वही गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के ग्राम परासी के ग्रामीणों ने शासन से मांग की कि सीएम खुद हेलीकाफ्टर से ग्राम परासी आये और यहां की दुर्दशा देखे कैसे इतने सालों में इनका निदान क्यो नही हुआ वे 0बलिक से संवाद करे।
0 वही सुशांसन तिहार के पूर्व अपरान्ह सरेराह सदर बाजार में बदमाशो द्वारा लाठी रॉड से हवलदार और उसके साथी की पिटाई और सुशासन के पहले दिन भी दनादन की खबरे और वीडियो सोशल मीडिया में सामने आई।