
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में तहसीलदार पुष्पेंद्र मिश्रा के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट मामले में थाना प्रभारी (टीआई) तोप सिंह नवरंग को क्लीन चिट दे दी गई है। इसके बाद अब उन्हें कोटा थाने की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। इस फैसले पर तहसीलदार ने आपत्ति जताई है और डीजीपी से शिकायत की है।

घटना 17 नवंबर की रात की है, जब सरकंडा थाने में टीआई ने तहसीलदार के साथ गाली-गलौज और मारपीट की थी। इसका वीडियो और ऑडियो भी वायरल हुआ था। इसके बाद टीआई को लाइन अटैच कर जांच के आदेश दिए गए थे। तहसीलदार का आरोप है कि जांच ठीक से नहीं हुई। उन्हें बयान देने के लिए जो पत्र भेजा गया, वह जानबूझकर देरी से भेजा गया।

तहसीलदार ने मामले की शिकायत सीएम हाउस तक की है।
सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल में हुई बदसलूकी को भी नजरअंदाज किया गया। तहसीलदार का कहना है कि जांच में पक्षपात हुआ और टीआई को बचाया गया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि दोषी टीआई को कोटा थाने क्यों भेजा गया, जहाँ तहसीलदार के भाई की पोस्टिंग है। तहसीलदार ने आरोप लगाया कि उन्हें दबाव में लेने के लिए ऐसा किया गया है। उन्होंने इस मामले की शिकायत डीजीपी के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय, मानवाधिकार आयोग और मुख्यमंत्री तक भेजी है।
RTI से भी नहीं मिली जानकारी
तहसीलदार ने थाने की फुटेज, रोजनामचा और जांच रिपोर्ट सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी, लेकिन उन्हें अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई। इसलिए उन्होंने राज्य सूचना आयोग में अपील कर दी है।
तहसीलदार द्वारा की गई शिकायत की कॉपी
