
रायपुर। स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर के प्रोजेक्ट में 500 करोड़ का काम दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी करने वाले पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव को 1 जुलाई तक के लिए तेलीबांधा पुलिस ने रिमांड पर लिया है। श्रीवास्तव से एसआईटी पूछताछ कर रही है।
श्रीवास्तव के घर की तलाशी और खातों की जांच के दौरान 300 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है। पैसों के लेन-देन के लिए श्रीवास्तव ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के खाते का उपयोग किया है। यह पैसा कर्ज का बताया जा रहा है।
पैसों के लेन-देन को लेकर पूछताछ की जा रही है। श्रीवास्तव को पुलिस ने 20 जून की रात भोपाल में छापा मारकर गिरफ्तार किया था। वहां वह हुलिया बदलकर रह रहा था। उसके बेटे कंचन को बनारस में हिरासत में लिया गया। उससे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
300 करोड़ रुपए की जानकारी ले रही ED
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने भी केके श्रीवास्तव से तीन दिनों तक पूछताछ की है। ईडी भी 300 करोड़ रुपए की जानकारी ले रही है। ईडी को शुरुआती जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का क्लू मिला है। हालांकि पूछताछ के बाद ईडी ने छोड़ दिया है। उन्होंने गिरफ्तार नहीं किया है।
इधर, ईओडब्ल्यू ने भी आबकारी घोटाला में केके और उसके बेटे कंचन से लंबी पूछताछ की है। उन्होंने भी सिर्फ पिता-पुत्र का बयान दर्ज किया है। उसके बाद तेलीबांधा पुलिस को उन्हें सौंप दिया है।

दिल्ली के कारोबारी से लिए पैसे
श्रीवास्तव ने स्मार्ट सिटी और एनआरडीए में 500 करोड़ का काम दिलाने के लिए उसने दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ लिए थे। अशोक को जब ठेका नहीं मिला तो उसने पैसे वापस मांगे।
श्रीवास्तव ने 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटाने का वादा किया। तय समय गुजरने के बाद पैसा नहीं दिया। रावत ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तो उसने बेटे कंचन के खातों से 3.40 करोड़ लौटा दिए। इसके अलावा तीन-तीन करोड़ के तीन चेक दिए। बाद में पता चला कि चेक देने के बाद उसने उसे स्टॉप श्रेणी में डाल दिया। इस वजह से चेक क्लियर नहीं हुआ।