





थाना सरकंडा अंतर्गत अशोकनगर में पिता के द्वारा बच्चों को मोबाइल नहीं देने पर 12 वर्षीय नाबालिक ने फांसी लगाकर अपने जीवन लीला समाप्त कर ली। इस पूरे मामले में सरकंडा पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम करने के बाद मामले को विवेचना में लिया है।
सरकंडा स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में कक्षा सातवीं में पढ़ने वाला 12 वर्षीय सोम जायसवाल केवल इसलिए फांसी के फंदे पर झूल गया, क्योंकि उसके कहने पर उसके पिताजी ने उसे मोबाइल नहीं दिया। सरकंडा थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग ने जानकारी देते हुए बताया कि सुसाइड कि यह घटना मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात तकरीबन दो से ढाई बजे के बीच अशोक नगर की है। थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक सोम जायसवाल की तबीयत ठीक नहीं थी लेकिन वह आराम करना छोड़कर, उसका ध्यान बार-बार मोबाइल पर जा रहा था मृतक सोम जायसवाल ने मंगलवार के देर रात भी अपने पिता से मोबाइल की मांग की।लेकिन उसके पिता ने उसे रेस्ट करने की बात कह कर उसे मोबाइल नहीं दिया।इससे क्षुब्ध होकर सोम जायसवाल ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मंगलवार बुधवार की दरमियानी रात जैसे ही इसकी जानकारी मृतक के परिवार वालों को पड़ी वे आनन फानन में फांसी के फंदे से सोम जायसवाल को उतारकर कर सीधे सिम्स से लेकर पहुंच गए। हालांकि सिम्स के चिकित्सकों ने सोम जायसवाल को मृत घोषित कर दिया। फिलहाल सरकंडा पुलिस ने शव पोस्टमार्टम कार्यवाही कर मामले को विवेचना में लिया है।
छोटे बच्चों को पहले मोबाइल उपलब्ध कराना और फिर मोबाइल की जिद करने पर उन्हें मोबाइल नहीं देना। यह गलती केवल मृतक सोम के परिजन ही नही बल्कि आजकल सभी मां बाप करते है और फिर बाद में इससे क्षुब्ध होकर सोम जायसवाल जैसे बच्चे जिद और डिप्रेशन में आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेने जैसी गलती कर बैठते है। इसलिए मोबाइल नही देने पर जिस तरह से सरकंडा अशोकनगर के एक बच्चे ने सुसाइड कर ली, इससे सबक उन सभी मां बाप को लेना चाहिए जो अपने बच्चों को खेलने कूदने पढ़ने लिखने के उम्र में उनके हाथ पर मोबाइल थमाकर अपने कामकाज में व्यस्त हो जाते है।