वही मनोज पटेल और सोनिया पटेल तोरवा निवासी जिनके बच्चे की जान गए हुए शिशु भवन में 8 महीना भी नहीं हो पाया वही शिशु भवन का फिर एक घटना सामने आया जहां जुड़वा बच्चों की मौत हो गई
जिस पर शिशु भवन के डॉक्टर श्रीकांत गिरी के ऊपर जुड़वा बच्चों की मौत होने पर परिजन डॉक्टर की लापरवाही का आरोप लगाया जिसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में किया गया है

श्री शिशु भवन में उपचार के दौरान दो नवजात शिशुओं की मौत के बाद परिजन ने अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया और ईदगाह चौक स्थित श्री शिशु भवन हॉस्पिटल का घेराव कर दिया इसके बाद शिकायत करने सिविल लाइन थाना पहुंचे रतनपुर क्षेत्र के सिलाई ग्राम निवासी सुमन मानिकपुरी पति मन लखन मानिकपुरी 25 वर्ष का बिलासपुर के एक निजी अस्पताल 14 दिन पहले नॉर्मल डिलीवरी से दो जुड़वा नवजात शिशु हुआ था डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने बच्चों को कमजोर बताते हुए उपचार के लिए ईदगाह चौक स्थित श्री शिशु भवन अस्पताल में भर्ती कराया था जहां 14 दिनों तक बच्चों को नॉर्मल बताया जा रहा था और अचानक 14 दिन बाद शुक्रवार की शाम बच्चों को अमृत बता दिया गया जिससे परेशान भड़क गए और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत सिविल लाइनथाने में की वही 8 दिन पहले भी उनके एक शिशु की मौत इसी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी परिजन के द्वारा मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना में की गई है वहीं जब खबर की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी कवरेज करने अस्पताल पहुंचे और मृत्यु बच्चों के परिजन भी मीडिया के सामने अपनी बात रखने लगे तो मामला को गंभीर हो तो होता देख डॉक्टर श्रीकांत गिरी अपने बचाव में स्वयं मृतक बच्चे के परिजनों के खिलाफ शिकायत करने सिविल लाइन थाना पहुंचे

इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन अपना बचाव करते नजर आया, वही जब बच्चे के परिजन अपनी बात मीडिया के सामने रखने लगे तो डॉक्टर श्री कांत गिरी अपनी लग्जरी कार में बैठकर थाना पहुंच गए और मृतक बच्चे के परिजनों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी। बहरहाल इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपने आप को साफ सुथरा तो बता दिया पर उस मां का क्या जिसने अपने बच्चों को 9 महीने कोख में रखकर,प्रसव की असहनीय पीड़ा सहकर दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया,परिवार में दो बच्चों की किलकारी से खुशी का माहौल था, पर अब एक मां अपनी सुनी गोद लिए दो बच्चो ने मौत के गम में डूबी है। जानकारी के अनुसार शिशु भवन अस्पताल में आए दिन कोई न कोई आरोप लगता है जिसपर प्रशासनिक अधिकारियों को जांच करनी चाहिए। और एक टीम बनाकर समय समय पर निजी अस्पतालों का निरक्षण करने निर्देश देना चाहिए। वही अगली कड़ी में श्री शिशु भवन अस्पताल के कुछ और कारनामे उजागर हो सकते है।